राजनीतिक संवाददाता द्वारा
धनबाद। नई ट्रेन चलवाने में निशिकांत दुबे बाबा का कोई जवाब नहीं है। हावड़ा-दुरंतो को जसीडीह वाले रूट से चलवाना हो या भागलपुर तक जानेवाली ट्रेन के पहिए को गोड्डा तक बढ़ाना हो, बाबा अपनी बात मनवा ही लेते हैं। बीते सितंबर में संताल को एक साथ पांच ट्रेनों का तोहफा देने वाले भी वही हैं। बाबा नगरी को गुजरात और महाराष्ट्र की सीधी ट्रेन मिल गई। धनबाद, बोकारो और रांची वालों को गोवा की सीधी ट्रेन का गिफ्ट भी मिला।
रेलवे भी उनके लिए हमेशा तैयार रहती है। पर इस दफा रेलवे ने बाबा के गढ़ में सेंधमारी कर दी। देवघर से रांची जानेवाली इंटर सिटी को अपनी सूची से ही गायब कर दिया। पूर्व रेलवे से परिचालन शुरू करने के लिए जो 218 ट्रेनों की सूची जारी हुई, उसमें इस ट्रेन का उल्लेख नहीं है।